Adho Mukha Svanasana | अधोमुख श्वान आसन की विधि, लाभ एवं अंतर्विरोध
अधोमुख श्वान आसन करने की प्रक्रिया | 6 steps to do Adho Mukha Svanasana
- अपने हाथों और पैरों के बल आ जाएँ। शरीर को एक मेज़ की स्थिति में ले आयें। आपकी पीठ मेज़ की ऊपरी हिस्से की तरह हो और दोनों हाथ और पैर मेज़ के पैर की तरह।
- साँस छोड़ते हुए कमर को ऊपर उठाएं। अपने घुटने और कोहनी को मजबूती देते हुए सीधे करते हुए) अपने शरीर से उल्टा v-आकार बनाएं।
- हाथ कंधो के जितने दूरी पर हों। पैर कमर के दूरी के बराबर और एक दुसरे के समानांतर हों। पैर की उंगलिया बिल्कुल सामने की तरफ हों।
- अपनी हथेलियों को जमीन पर दबाएँ, कंधो के सहारे इसे मजबूती प्रदान करें। गले को तना हुआ रखते हुए कानों को बाहों से स्पर्श कराएं।
- लम्बी गहरी श्वास लें,अधोमुख स्वान की अवस्था में बने रहें। अपनी नज़रें नाभि पर बनाये रखें।
- श्वास छोड़ते हुए घुटने को मोड़े और वापस मेज़ वालीस्थिति में आ जाएँ। विश्राम करें।
अधोमुख श्वान आसन को आसानी से करने के कुछ नुस्खे | Tips to do Adho Mukha Svanasana
- यह आसन करने से पहले अपने पैर की मांसपेसियो और हाथों को अच्छी तरह से तैयार कर लें।
- अधोमुख स्वान आसन करने से पहले धनुरासन या दण्डासन करें।
- यह आसन सूर्य नमस्कार के एक अंश के रूप में भी किया जा सकता है।
अधोमुख श्वान आसन के छः लाभ | Adho Mukha Svanasana benefits
- यह आसन यह आसन शरीर को ऊर्जा देता है और आपको तारो-ताज़ा करता है।
- यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है । छाती की मांसपेसियो को मजबूती प्रदान करता है और फेफड़े की क्षमता को बढ़ाता है।
- यह पूरे शरीर को शक्ति प्रदान करता है। विशेषकर हाँथ, कंधे और पैरों को।
- मांसपेसियो को सुद्रिढ करता है और मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ाता है।
- को शांति प्रदान करता है एवं सरदर्द, अनिंद्रा, थकान आदि में भी अत्यंत लाभदायक है।
अधोमुख श्वान आसन की सावधानियाँ | Contraindications of the Adho Mukha Svanasana
अगर आप उच्च रक्तचाप, आँखों की केशिकाएँ कमजोर है कंधे की चोट या दस्त से पीड़ित हैं तो यह आसन न करें।
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