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Adho Mukha Svanasana | अधोमुख श्वान आसन की विधि, लाभ एवं अंतर्विरोध

अधोमुख श्वान आसन करने की प्रक्रिया | 6 steps to do Adho Mukha Svanasana

  1. अपने हाथों और पैरों के बल आ जाएँ। शरीर को एक मेज़ की स्थिति में ले आयें। आपकी पीठ मेज़ की ऊपरी हिस्से की तरह हो और दोनों हाथ और पैर मेज़ के पैर की तरह।
  2. साँस छोड़ते हुए कमर को ऊपर उठाएं। अपने घुटने और कोहनी को मजबूती देते हुए सीधे करते हुए) अपने शरीर से उल्टा v-आकार बनाएं।
  3. हाथ कंधो के जितने दूरी पर हों। पैर कमर के दूरी के बराबर और एक दुसरे के समानांतर हों। पैर की उंगलिया बिल्कुल सामने की तरफ हों।
  4. अपनी हथेलियों को जमीन पर दबाएँ, कंधो के सहारे इसे मजबूती प्रदान करें। गले को तना हुआ रखते हुए कानों को बाहों से स्पर्श कराएं।
  5. लम्बी गहरी श्वास लें,अधोमुख स्वान की अवस्था में बने रहें। अपनी नज़रें नाभि पर बनाये रखें।
  6. श्वास छोड़ते हुए घुटने को मोड़े और वापस मेज़ वालीस्थिति में आ जाएँ। विश्राम करें।

अधोमुख श्वान आसन को आसानी से करने के कुछ नुस्खे | Tips to do Adho Mukha Svanasana

  1. यह आसन करने से पहले अपने पैर की मांसपेसियो और हाथों को अच्छी तरह से तैयार कर लें।
  2. अधोमुख स्वान आसन करने से पहले धनुरासन या दण्डासन करें।
  3. यह आसन सूर्य नमस्कार के एक अंश के रूप में भी किया जा सकता है।

अधोमुख श्वान आसन के छः लाभ | Adho Mukha Svanasana benefits

  1. यह आसन यह आसन शरीर को ऊर्जा देता है और आपको तारो-ताज़ा करता है।
  2. यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है । छाती की मांसपेसियो को मजबूती प्रदान करता है और फेफड़े की क्षमता को बढ़ाता है।
  3. यह पूरे शरीर को शक्ति प्रदान करता है। विशेषकर हाँथ, कंधे और पैरों को।
  4. मांसपेसियो को सुद्रिढ करता है और मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ाता है।
  5. को शांति प्रदान करता है एवं सरदर्द, अनिंद्रा, थकान आदि में भी अत्यंत लाभदायक है।

अधोमुख श्वान आसन की सावधानियाँ | Contraindications of the Adho Mukha Svanasana

अगर आप उच्च रक्तचाप, आँखों की केशिकाएँ कमजोर है कंधे की चोट या दस्त से पीड़ित हैं तो यह आसन न करें।

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