Yogasan

Hastapadasana | हस्तपादासन की विधि, लाभ एवं अंतर्विरोध

हस्तपादासन क्या है?

Hastapadasana तीन शब्दों से मिलकर बना है हस्त अर्थात हाथ, पाद अर्थात पैर, आसन अर्थात मुद्रा। इसे अंग्रेजी भाषा में फारवर्ड बेंड पोज़ कहा जाता है। आज के युग में हर कोई चाहता है कि वह स्वस्थ और हृष्ट पुष्ट लगे। परन्तु असंतुलित आहार, अनियमित जीवन शैली और भागदौड़ वाली जिंदगी में उसे यह पाने में कठिनाई होती है। योग द्वारा यह संभव है पर इसके लिए जरुरत है कि थोड़ा समय खुद के लिए भी निकाले ताकि आप अपनी जिंदगी को बेहतर बना सके। हस्तपादासन करने से त्वचा के दाग धब्बों के अतिरिक्त यह आँखों के नीचे पड़ने वाले काले घेरे को भी खत्म करने में सहायता करता है। इस आसन को करने से कई प्रकार के लाभ होते है। आज के लेख में जानते है हस्तपादासन कैसे करते है व इसके फायदे क्या है?

उत्तानासन (हस्तपादासन) करने की प्रक्रिया | How to do Uttanasana (Hastapadasana)

  • पैरों को एक साथ रखते हुए सीधे खड़े हो जाएँ और हाथों को शरीर के साथ रखें।
  • अपने शरीर के वजन को दोनो पैरों पर समान रूप से रखें।
  • साँस अंदर लें और हाथों को सिर के ऊपर ले जाएँ।
  • साँस छोड़ें, आगे और नीचे की ओर झुकते हुए पैरों की तरफ जाएँ।
  • इस अवस्था में २०-३० सेकेंड्स तक रुकें और गहरी साँसे लेते रहें।
  • अपने पैरों और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें, हाथों को पैर के पंजों के बगल में जमीन पर रखें या पैरों पर भी रख सकते हैं।
  • साँस बाहर छोड़ते हुए अपने छाती को घुटनों की तरफ ले जाएँ, नितम्बों तथा टेलबोन (रीढ़ की हड्डी का अंतिम सिरा) जितना हो सकता है उतना ऊपर उठाएँ), एड़ियों को नीचे की तरफ दबाएँ, इसी अवस्था में सिर को विश्राम दें और आराम से सिर को पंजों की तरफ ले जाएँ गहरी साँसे लेते रहें।
  • साँस को अन्दर लेते हुए अपने हाथों को आगे व ऊपर की तरफ उठाएँ और धीरे धीरे खड़े हो जाएँ।
  • साँस छोड़ते हुए अपने हाथों को शरीर के साथ ले आएँ।

   

उत्तानासन (हस्तपादासन) के लाभ | Benefits of the Uttanasana (Hastapadasana)

  • शरीर के पृष्ठ भाग में पाए जाने वाली समस्त मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है।
  • तंत्रिका तंत्र में रक्त का प्रवाह बढ़ाकर उसे स्फूर्तिदायक बनाता है।
  • रीढ़ की हड्डी को मज़बूत बनाता है।
  • उदर के अंगों को सक्रिय करता है।

उत्तानासन (हस्तपादासन) के अंतर्विरोध | Contraindications of the Uttanasana (Hastapadasana)

जिन लोगो को पीठ के निचले हिस्से में कोई समस्या हो, स्पॉन्डिलाइटिस, सर्वाइकल दर्द अथवा किसी भी प्रकार की पीठ या रीढ़ की हड्डी की समस्या से ग्रस्त हों, वो इस आसन को न करें।

सभी योगासनों की विधि जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *